Hindi Shayari
50+ Ada Jafri Shayari – अदा जाफरी की शायरी
अदा जाफरी (ADA JAFRI) का जन्म 22 August 1924 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था और 90 साल की उम्र में 12 मार्च 2015 को पाकिस्तान के कराची में उनका निधन हो गया. अदा जाफरी जी उर्दू भाषा की प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं, जिन्होंने अपने जीवनकाल में कई रचनाएँ लिखी हैं, पढ़िए – अदा जाफरी की शायरी, ADA JAFRI Hindi SHAYARI, ADA JAFRI Ada Jafri Famous Shayari.
ADA JAFRI SHAYARI
आ देख कि मेरे आँसुओं मेंये किस का जमाल आ गया है.
कोई ताइर इधर नहीं आताकैसी तक़्सीर इस मकाँ से हुई.
अगर सच इतना ज़ालिम है तो हम से झूट ही बोलोहमें आता है पतझड़ के दिनों गुल-बार हो जाना.
वर्ना इंसान मर गया होताकोई बे-नाम जुस्तुजू है अभी..
ख़ामुशी से हुई फ़ुग़ाँ से हुईइब्तिदा रंज की कहाँ से हुई.
जो चराग़ सारे बुझा चुके उन्हें इंतिज़ार कहाँ रहाये सुकूँ का दौर-ए-शदीद है कोई बे-क़रार कहाँ रहा.
2 Line ADA JAFRI SHAYARI
कटता कहाँ तवील था रातों का सिलसिलासूरज मिरी निगाह की सच्चाइयों में था.
मैं आँधियों के पास तलाश-ए-सबा में हूँतुम मुझ से पूछते हो मिरा हौसला है क्या.
काँटा सा जो चुभा था वो लौ दे गया है क्याघुलता हुआ लहू में ये ख़ुर्शीद सा है क्या.
तू ने मिज़्गाँ उठा के देखा भीशहर ख़ाली न था मकीनों से.
बोलते हैं दिलों के सन्नाटेशोर सा ये जो चार-सू है अभी.
जिस की बातों के फ़साने लिक्खेउस ने तो कुछ न कहा था शायद.
जो दिल में थी निगाह सी निगाह में किरन सी थीवो दास्ताँ उलझ गई वज़ाहतों के दरमियाँ.
लोग बे-मेहर न होते होंगेवहम सा दिल को हुआ था शायद.
अभी सहीफ़ा-ए-जाँ पर रक़म भी क्या होगाअभी तो याद भी बे-साख़्ता नहीं आई.
ADA JAFRI SHAYARI Urdu
न बहलावा न समझौता जुदाई सी जुदाई है‘अदा’ सोचो तो ख़ुशबू का सफ़र आसाँ नहीं होता.
गुल पर क्या कुछ बीत गई हैअलबेला झोंका क्या जाने.
जिस की जानिब ‘अदा’ नज़र न उठीहाल उस का भी मेरे हाल सा था.
बड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैंसहर की राह तकना ता सहर आसाँ नहीं होता.
एक आईना रू-ब-रू है अभीउस की ख़ुश्बू से गुफ़्तुगू है अभी.
होंटों पे कभी उन के मिरा नाम ही आएआए तो सही बर-सर-ए-इल्ज़ाम ही आए.
हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना हैकभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना.
दिल के वीराने में घूमे तो भटक जाओगेरौनक़-ए-कूचा-ओ-बाज़ार से आगे न बढ़ो.
बस एक बार मनाया था जश्न-ए-महरूमीफिर उस के बाद कोई इब्तिला नहीं आई..
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