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Kaifi Azmi Shayari in Hindi | कैफ़ी आज़मी शायरी

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Kaifi Azmi Shayari

Kaifi Azmi Shayari
Kaifi Azmi Shayari In Hindi | कैफ़ी आज़मी शायरी
रोज़ बस्ते हैं कई शहर नए 
रोज़ धरती में समा जाते हैं..
कैफ़ी आज़मी शायरी
कैफ़ी आज़मी शायरी
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं,
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं..
Kaifi Azmi Shayari image
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आज फिर टूटेंगी तेरे घर नाज़ुक खिड़कियाँ
आज फिर देखा गया दीवाना तेरे शहर में..
kaifi azmi hindi shayari
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इन्साँ की ख़्वाहिशों की कोई इन्तिहा नहीं,
दो गज़ ज़मीं भी चाहिए, दो गज़ कफ़न के बाद..
2 line Kaifi azmi shayari
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तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता, 
मेरी तरह तेरा दिल बे-क़रार है कि नहीं..

Kaifi Azmi Famous Shayari

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मेरा बचपन भी साथ ले आया, 
गाँव से जब भी आ गया कोई..
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो..
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है,
तुम क्यूँ उन्हें छेड़े जा रहे हो..
गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो,
डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ..
मैं ढूँढ़ता हूँ जिसे वो जहाँ नहीं मिलता,
नई ज़मीन नया आसमाँ नहीं मिलता…
दीवाना पूछता है ये लहरों से बार बार, 
कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं..
पाया भी उनको खो भी दिया चुप भी हो रहे,
इक मुख़्तसर सी रात में सदियाँ गुज़र गईं..
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में,
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में..
दीवाना-वार चाँद से आगे निकल गए,
ठहरा न दिल कहीं भी तिरी अंजुमन के बाद..
पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था,
जिस्म जल जाएँगे जब सर पर साया न होगा..
ख़ार-ओ-ख़स तो उठें, रास्ता तो चले.
मैं अगर थक गया, क़ाफ़िला तो चले..
लैला ने नया जनम लिया है,
है क़ैस कोई जो दिल लगाए..
बिजली के तार पे बैठा हुआ हँसता पंछी,
सोचता है कि वो जंगल तो पराया होगा..
सुना करो मेरी जाँ इन से उन से अफ़्साने,
सब अजनबी हैं यहाँ कौन किस को पहचान..
जो वो मेरे न रहे मैं भी कब किसी का रहा,
बिछड़ के उनसे सलीक़ा न ज़िन्दगी का रहा..
बहार आए तो मेरा सलाम कह देना,
मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने..
दिल की नाज़ुक रगें टूटती हैं,
याद इतना भी कोई न आए..
ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप,
क़द्र-ए-वतन हुई हमें तर्क-ए-वतन के बाद..
नई ज़मीन नया आसमाँ भी मिल जाए,
नए बशर का कहीं कुछ निशाँ नहीं मिलता..
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