New Romantic Shayari

तेरा इश्क़ भी महंगाई की तरह है,
दिनों दिन बढ़ता जा रहा है..
हर बार दिल से ये पैगाम आए;
ज़ुबाँ खोलूं तो तेरा ही नाम आए;
तुम ही क्यूँ भाए दिल को क्या मालूम,
जब नज़रों के सामने हसीन तमाम आए..
कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है;
कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है;
कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात;
हर सांस में अब तेरा एहसास आ जाता है..
तेरे इंतज़ार में मेरा बिखरना इश्क़ है,
तेरी मुलाकात पे मेरा निखरना इश्क़ है..
चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन,
क्यूँ रोज गरजते हो बरस जाओ किसी दिन,
खुशबु की तरह गुजरो मेरी दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन..
ये दिल ही तो जानता है,
मेरी पाक मोहब्बत का आलम,
की मुझे जीने के लिए,
सांसों की नही तेरी ज़रुरत है..
मंजिल भी तुम हो तलाश भी तुम हो,
उम्मीद भी तुम हो आस भी तुम हो,
इश्क भी तुम हो और जूनूँ भी तुम ही हो,
अहसास तुम हो प्यास भी तुम ही हो..