Narazgi Shayari In Hindi | 200+ नाराजगी शायरी हिंदी में
Narazgi Shayari In Hindi : दोस्तों नाराजगी हमे उससे होती है, जिससे हमे प्यार होता है, प्यार में अकसर रूठना और मानना चलता रहता है, चाहे नाराजगी Girlfriend/Boyfriend या Husband/Wife के किसी बात को लेकर चल रही हो, यदि कोई आपसे ज्यादा समय से रूठा या नाराज है तो उसे मनाना जरुरी है, आप उसे मानाने के लिए नाराजगी शायरी को भेजकर जल्दी मना सकते है।
इसलिए दोस्तों आज की पोस्ट में नाराज पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका को मानाने के लिए नाराजगी शायरी हिंदी लेकर आये है, जिसमे Narazgi Shayari In Hindi, Narazgi Shayari 2 Lines, Narazgi Shayari For Gf/Bf का बेहतरीन सग्रह पढने को मिलेगा, जिसे कॉपी करके आप अपने दोस्तों, गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड से साथ शेयर कर सकते है।
Table of Contents
Best Narazgi Shayari
इससे बुरे और क्या दिन आएंगे,
वो हमसे इतने नाराज़ पेश आएंगे.
चाँद के बिना चाँदनी अधूरी होती है,
नाराज़गी ना हो तो मोहब्बत अधूरी होती है.
अनजाने में ही सही यार,
पर तुम अक्सर मेरा दिल तोड़ देते हो.
होके नाराज़ कहाँ जाओगे,
लौट का एक दिन मेरे पास ही तो आओगे.
तुम हैरान हो मेरे चुप रहने पर,
मेरी खामोशियों का इलज़ाम है तुम पर.
कहता था बड़ा मज़ा आ गया,
वो किसी और का हो के आ गया,
बेवफाओं के सिर आ ताज है मेरा मेहबूब,
जिस्म खुश और रूह जला कर आ गया.
आज कल एक ख़ामोश आवाज़ हूँ मैं,
क्योंकि खुद से ही नाराज़ हूँ मैं.
सिर्फ जिस्म नहीं रूह तक पे छाले हैं,
बड़ा तेज़ाबी था इश्क़ उसका.
वजह मत पूछो मेरे आँसुओं की,
उसका नाम लेने से भी अब डरता हूँ मैं.
खूब बदला लेते हो मेरे प्यार का,
नाराज़ होकर बात बात पर.
Narazgi Shayari In Hindi
छोटी सी बात पर नाराज मत होना,
तुम कहो तो कदमो में सारा जहान रख दू.
नाराज़गी भी है लेकिन किसको दिखाऊं
प्यार भी है लेकिन किससे जताऊँ,
वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं,
अब उन पर हक़ ही नहीं कैसे बताऊं.
बांध कर रखा है इस रिश्ते ने हमें,
रूहें तो हमारी एक वक़्त से जुदा हैं.
ये कैसी मोहब्बत का आगाज़ कर रहे हो,
शुरू हुई नहीं और,
पहले ही हमे नाराज़ कर रहे हो.
कोई बात होती तो उसका हल निकलते हम,
लेकिन यहाँ तो सारा मसला नारागज़ी का है.
कभी धुप से चेहरा छुपाता था मेरा,
आज वही आँचल नाराज़ है मुझसे.
नारागज़ी वहाँ मत रखना ऐ दोस्त,
जहाँ तुमको ही बताना पड़े के तुम नाराज़ हो.
कभी धुप कभी बरसात होती है,
जब जब मेहबूबा नाराज़ होती है.
किस बात पे खफा हो, नाराज लग रहे हो,
लगते हो जैसे हरदम, ना आज लग रहे हो.
Narazgi shayari for Girlfriend/Boyfriend
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज़ थे या फिर मुझ जैसे हज़ारों थे.
मोहब्बत की ये भी एक शर्त है साहेब,
सबकुछ पा कर सबकुछ खोना पड़ता है.
वो नाराज़ रहे तो रहे हमसे,
हमने तो उन्हें इश्क़ करना नहीं छोड़ा.
हमसे पूछिये कीमत चुकाना क्या होता है,
सुकून बेचकर इश्क़ किया था हमने.
कभी कभी की नाराज़गी प्यार बढ़ा देती है,
लेकिन हर दिन की नाराज़गी मान घटा देती है.
सितम हमारे सारे छांट लिया करो जान,
नाराज़ होने से अच्छा है हमे डांट लिया करो.
बेशक़ मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हें,
मगर नाराज़गी में हमारा प्यार मत भूल जाना तुम.
बात बात पे नाराज़ होने की ये तेरी आदत,
जाना एक दिन मेरी जान ले जाएगी.
लोग अक्सर एक ही भूल कर जाते है,
नारागज़ी जिससे हो उसे छोड़ ज़माने को बताते हैं.
Narazgi Shayari For Husband/Wife
जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया,
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया.
सुनो तुम बादाम खाया करो,
नरागज़ी में तुम मेरा प्यार भूल जाते हो.
हर बात तेरी ख़ामोशी से मान लेना,
ये भी मेरा एक तरीका है नाराज़गी जताने का.
वो हमसे यूँ नाराज़ हुए हैं क्या बताएं
बहुत बुरे हालात हुए हैं क्या बताएं
वो शख्स मुझसे मेरी पहचान ले गया,
हम एक पुरानी किताब हुए हैं क्या बताएं.
इससे आगे एक और कदम बड़ लो ना,
नरागज़ी छोड़कर मुझसे बात कर लो ना.
नोंच खा जाती है चिंता मुझे तुम्हारी,
जब जब तुम नाराज़ होकर,
मुझसे बात नहीं करते हो.
ग़ुस्सा करो बेशक़ करो कोई बात नहीं,
लेकिन याद रखना तुम्हारे सिवा मेरा कोई यार नहीं.
तुम्हें दिल से चाहा था हमने,
मगर तुम हुए ना हमारे,
हम ही से ही ये बेरुखी क्यों,
सभी दोस्त है तुमको प्यारे.
मेरा प्यार औरों जैसा नहीं,
तुम नाराज़ होते रहो, मेरा प्यार और बढ़ता जाएगा.
2 Line Narazgi Shayari Hindi
किसी को मनाने से पहले, ये ज़रूर जान लेना,
कि वो शख्स तुमसे नाराज़ है या परेशान.
ख़ुशी की तलाश में घर से थे निकले,
चार गम लेकर वापिस लौटे हैं.
कुछ बातें प्यार की तू भी बोले हमे मनाते हुए,
इस चक्कर में कब से नाराज़ बैठे है.
मैं चुप हुआ तो ये दिल रोने लगा,
तू नाराज़ क्या हुआ मेरी दुनियाँ ही बदल गयी.
मजबूरी ये भी है की तुझे छोड़ नहीं सकते,
वरना वो हवा भी क़बूल नहीं जो तुझे छू के आयी हो.
आप नाराज़ हों रूठ के ख़फ़ा हो जाए,
बात इतनी भी ना बिगड़े कि हम जुदा हो जाए.
हमारे बीच अब कहाँ वैसी बात होती है,
कभी मैं नाराज़ रहता हूँ, कभो वो नाराज़ होती है.
तुझसे नहीं तेरे वक्त से नाराज़ हूँ मैं
जो तुझे कभी मेरे लिए मिला ही नहीं.
पहले थे क्या_क्या से क्या हो गए,
ज़रा सी नाराज़गी से हम जुदा हो गयी.
तेरे हुस्न पे मर गए थे हम,
काश तेरा दिल पहले देख लिया होता.
सूख जाते हैं मेरी आँखों के आंसू भी,
तुम्हारी नाराज़गी मेरी जान लेकर रहेगी किसी दिन.
अच्छे पानी को ख़राब कर देती है,
एक ग़लतफ़हमी सब ख़राब कर देती है.
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