पहले तुम्हारे साथ चला करता था, अब अपनी आवारगी के साथ चलता हूँ.
कितना अजीब अपनी ज़िंदगी का सफर निकला, सारे जहाँ का दर्द अपना मुक़द्दर निकला.
हुआ है तुझसे बिछडने के बाद अब मालूम के तू नहीं था, तेरे साथ एक दुनिया थी.