गरीबी एक ऐसा सच है, जिसे हर कोई अपनी ज़िंदगी के किसी न किसी मोड़ पर महसूस करता है। यह सिर्फ़ पैसे की कमी नहीं बल्कि संघर्ष, हिम्मत और धैर्य की भी कहानी है। शायरों ने हमेशा गरीबी की तकलीफ़, अमीरी-गरीबी का अंतर, और मेहनत से आगे बढ़ने की सोच को अपने अल्फ़ाज़ में बख़ूबी पेश किया है। इसी वजह से Gareebi Shayari आज भी लोगों के दिलों को छू जाती है। यहाँ आपको दिल को गहराई से छू लेने वाली Gareebi Shayari on Life, समाज में फैली असमानता को दिखाती अमीरी और गरीबी पर शायरी, ताने और तकलीफ़ को बयां करती गरीब का मजाक शायरी, और संघर्ष से जीत की राह दिखाती गरीबी मोटिवेशनल शायरी का बेहतरीन संग्रह मिलेगा। ये शायरियां न सिर्फ़ दर्द को बयान करती हैं बल्कि इंसान को मेहनत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं। अगर आप गरीबी के दर्द को महसूस करना चाहते हैं या किसी को हिम्मत देने के लिए शायरी तलाश रहे हैं, तो यह संग्रह आपके लिए सबसे खास रहेगा।
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Garibi Shayari
गरीबी की भी क्या खूब हँसी उड़ायी जाती है,
एक रोटी देकर 100 तस्वीर खिंचवाई जाती है।
खाली पेट सोने का दर्द क्या होता मुझे नही पता,
ना जाने जूठन खा के वो बच्चे कैसे बड़े हो जाते।
राहों में कांटे थे फिर भी वो चलना सीख गया,
वो गरीब का बच्चा था हर दर्द में जीना सीख गया।
यूँ गरीब कहकर खुद की तौहीन ना कर,
ए बंदे गरीब तो वो लोग है जिनके पास ईमान नहीं है।
कतार बड़ी लम्बी थी, के सुबह से रात हो गयी,
ये दो वक़्त की रोटी आज फिर मेरा अधूरा ख्वाब हो गयी।
ठहर जाओ भीड़ बहुत है, तुम गरीब हो,
कुचल दिए जाओगे।
गरीबी लड़ती रही रात भर सर्द हवाओं से,
अमीरी बोली वाह क्या मौसम आया है।
घर में चुल्हा जल सकें इसलिए कड़ी धूप में जलते देखा है,
हाँ मैंने ग़रीब की साँसों को भी गुब्बारों में बिक़ते देखा है।
मेरे हिस्से की रोटी सीधा मुझे दे दे ऐ खुदा,
तेरे बंदे तो बड़ा ज़लील करके देते हैं।
एक ज़िंदगी सड़कों पर, एक महलों में बसर करती है,
कोई बेफिक्र सोता है कहीं मुश्किल से गुज़र होती है।
साथ सभी ने छोड़ दिया,
लेकिन ऐ-गरीबी, तू इतनी वफ़ादार कैसे निकली।
मैं कई चूल्हे की आग से भूखा उठा हूँ,
ऐ रोटी अपना पता बता, तू जहाँ बर्बाद होती हैं।
थोड़े से लिबास में ख़ुश रहने का हुनर रखते हैं,
हम गरीब हैं साहब, अलमारी में तो खुद को कैद करते हैं।
रोज़ शाम मैदान में बैठ ये कहतें हुए एक बच्चा रोता है,
हम गरीब है इसलिए हम गरीब का कोई दोस्त नही होता है।
कभी निराशा कभी प्यास है कभी भूख उपवास,
कुछ सपनें भी फुटपाथों पे पलते लेकर आस।
ग़रीब सियासत का सबसे पसंदीदा खिलौना है,
उसे हर बार मुद्दा बनाया जाता है हुकूमत के लिए।
खुले आसमां के नीचे सोकर भी अच्छे सपने पा लेते हैं,
हम गरीब है साहेब थोड़े सब्जी में भी 4 रोटी खा लेते हैं।
बात मरने की भी हो तो कोई तौर नहीं देखता,
गरीब, गरीबी के सिवा कोई दौर नहीं देखता।
रजाई की रूत गरीबी के आँगन दस्तक देती है,
जेब गर्म रखने वाले ठंड से नही मरते।
वो तो कहो मौत सबको आती है वरना,
अमीर लोग कहते गरीब था इसलिए मर गया।
हर गरीब की थाली में खाना है,
अरे हाँ ! लगता है यह चुनाव का आना है।
Garibi Status In Hindi
बस एक बात का मतलब मुझे आज तक समझ नहीं आया,
जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं वह अमीर कैसे बन जाते हैं।
नये कपड़े, मिठाईयाँ गरीब कहाँ लेते हैं,
तालाब में चाँद देखकर ईद मना लेते हैं।
हम गरीब लोग हैं किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे,
एक मुस्कुराहट थी वो भी बेवफा लोगों ने छीन ली।
बना के ताजमहल एक दौलतमंद आशिक ने,
गरीबों की मोहब्बत का तमाशा कर दिया।
गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाया है,
आज अपना ही दूर होता नजर आया है।
मौत जरा पहले आना,
गरीब के घर कफन का खर्च दबाओं में निकल जाता है।
मास्क जैसा भी है, ग़ुरबत में बनाया है,
गरीब हैं साहब, गैर-जिम्मेदार नहीं हैं….
जिस बस्ती में गरीब बसते हैं,
वहां रोटी महंगी गम सस्ते हैं।
अजीब सा जादुई नशा होता है गरीब की कमाई में,
जिसकी रोटी खाकर पथरीले रास्तों पर भी सुकून की नींद आ जाती है।
सहम उठाते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ से,
महलों की आरजू यह है की बरसात तेज हो।
अमीरी पीना सिखाती है, गरीबी जीना सिखाती है,
कभी घाव हो जाए, तो कविता सीना सिखाती है।
कभी जात कभी समाज तो कभी औकात ने लुटा,
इश्क़ किसी बदनसीब गरीब की आबरू हो जैसे।
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना,
हकीम बहुत है बाजार में अमीरों के इलाज की खातिर।
मैं गरीब का बच्चा था इसलिए भूखा रह गया,
पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर के घर का था।
जो छिप गए थे चंद रोज़ की ज़िंदगी कमाने,
मौत ने ढूँढ लिया उनको मुफ़्लिसी के बहाने।
अच्छा हुआ जो गरीबी ने संभल के खर्चना सिखाया था,
वर्ना आज उसके जाने पे बे-फ़िज़ूल ही आँसू बह जाते।
ऐ रियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया,
गरीबों को गरीब अमीरों को मालामाल कर दिया।
बिना किसी गाने के रेल के इंजन की धुन पर नाचते हैं,
पटरी किनारे बस्ती में बच्चे अब भी मुस्कराना जानते हैं।
अपने मेहमान को पलकों पर बिठा लेती है,
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम है।
ये मत देखो हिन्दू कौन है, मुसलमान कौन है !
अपने पड़ोस में पता लगाओ भूखा इंसान कौन है!
मजबूरियां हावी हो जाएँ यह जरूरी तो नहीं,
थोड़े बहुत शौक तो गरीबी भी रखती है।
Gareebi Shayari on Life
ग़रीबी थी और हम थे घर के इकलौते चराग़,
रौशनी की उम्मीद में अँधेरे से भी दोस्ती कर ली।
खड़ा हूँ आज भी रोटी के चार हर्फ़ लिए,
सवाल ये है किताबों ने क्या दिया मुझ को।
सज़ा कितनी बड़ी है गाँव से बाहर निकलने की,
मैं मिट्टी गूँधता था अब डबलरोटी बनाता हूँ।
भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ,
आजकल दिल्ली में है ज़ेर-ए-बहस ये मुद्दा।
मुफ़लिसी थी और हम थे घर के इकलौते चराग़,
ऐसी रौशनी करते कि दुनिया देखती।
रोज़ी-रोटी कमाया कर,
थोड़ी शायरी क्या परोस कर देगी?
बिना किसी गाने के रेल के इंजन की धुन पर नाचते हैं,
पटरी किनारे बस्ती में बच्चे अब भी मुस्कराना जानते हैं।
कुछ सपनें भी फुटपाथों पे पलते लेकर आस,
कभी निराशा कभी प्यास है कभी भूख उपवास।
अमीरी और गरीबी पर शायरी
अमीरी में खुशियाँ सबको दिखती हैं,
गरीबी में दर्द की परछाईं भी चुपके से आती है।
धन दौलत की चमक सिर्फ आंखों को भाती है,
गरीबी की रौशनी दिल के जख्मों को दिखाती है।
अमीरी में महफिलें सजती हैं,
गरीबी में इंसान अपनी तकदीर से लड़ता है।
पैसे की दौड़ में लोग अक्सर खो जाते हैं,
गरीबी सिखाती है कि किस तरह खुद से जीना है।
अमीरी की दुनिया रंगीन और हसीन है,
गरीबी की दुनिया में हर रोज़ नए सबक सीखने को मिलते हैं।
धन दौलत से मिलता है दिखावा और शान,
गरीबी से मिलता है संघर्ष और इंसानियत की पहचान।
अमीरी में लोग इकट्ठे रहते हैं महलों में,
गरीबी में लोग अकेले होते हैं पर आत्मा में मजबूत होते हैं।
पैसा सब कुछ नहीं होता, यही गरीबी सिखाती है,
असली अमीरी तो दिल की सादगी में बसती है।
गरीबी पर मोटिवेशनल शायरी
राहों में कांटे थे फिर भी वो चलना सीख गया,
वो गरीब का बच्चा था, हर दर्द में जीना सीख गया।
गरीबी ने उसे हरा नहीं पाया,
मेहनत और हौसले ने उसे आसमान तक पहुँचाया।
धन दौलत नहीं थी पास, पर इरादे थे मजबूत,
सपनों की ताकत ने उसे बना दिया मिसाल हर मुद्दत।
गरीबी सिर्फ एक स्थिति है, हिम्मत से बढ़कर कुछ नहीं,
जो हार मान जाए, वही असली गरीब कहलाता कहीं।
कम पैसों में भी खुशियों की तलाश की,
गरीबी में भी उसने अपने सपनों को सजा रखा।
जो मेहनत करता है और कभी नहीं रुकता,
वो गरीबी की दीवारों को भी तोड़ देता।
गरीबी ने सिखाया है संघर्ष की राह,
हर कठिनाई के बाद भी मिलती है नई चाह।
धन दौलत की कमी नहीं रोक सकती आगे बढ़ने को,
गरीबी में भी इंसान पा सकता है अपनी चमक दिखाने को।
गरीब का मजाक शायरी
चार पैसा कमा कर लोग औकात भूल जाते हैं,
मरने के बाद बो भी जमीन 2 गज ही पाते हैं। गरीब का उड़ा कर मजाक खुश हो जाते हैं,
मरने के बाद उसी गरीब के पास दफनाए जाते हैं।
कभी किसी गरीब का मजाक मत उड़ाना,
क्योंकि वक्त पलटते देर नहीं करता है।
गरीब का मजाक कभी मत उड़ाइये साहब,
क्योंकि अमीर बन्ने में वक्त लगता है, गरीब बन्ने में वक्त नहीं लगता।
बहुत मजाक उड़ाते हो तुम गरीबों का,
मदद तो करते हो तस्वीर खींच लेते हो।
जिसने मेरी गरीबी का मजाक उड़ाया था,
आज वही मेरी सफलता देखकर हैरान है।
गरीब आदमी का मजाक मत उड़ाओ,
क्योंकि उसकी मेहनत में भी ईमानदारी होती है।
गरीब का मजाक उड़ाना आसान है,
लेकिन उसकी स्थिति को समझना मुश्किल।
गरीब का मजाक उड़ाना,
उसकी मेहनत का अपमान करना है।
निष्कर्ष
Gareebi Shayari In Hindi हमें सिर्फ गरीबी की तकलीफें नहीं दिखाती, बल्कि यह मेहनत, संघर्ष और उम्मीद की ताकत भी सिखाती है। जीवन में अगर किसी को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो ये शायरियाँ उसके हौसले को बढ़ाती हैं।
इन गरीबी पर शायरी के माध्यम से हम सीखते हैं कि गरीबी केवल एक परिस्थिति है, कमजोर होने की वजह नहीं। गरीबी मोटिवेशनल शायरी हमें यह प्रेरणा देती है कि कठिन समय में भी कभी हार न मानें और लगातार मेहनत करते रहें।
हर शायरी में छिपा संदेश यही है कि गरीबी शायरी सिर्फ दुखों की कहानी नहीं, बल्कि संघर्ष, उम्मीद और आत्मविश्वास की कहानी है। मेहनत पर शायरी और संघर्ष शायरी भी यही बताती हैं कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, सही सोच और हिम्मत से हर बाधा पार की जा सकती है।
इसलिए, गरीबी पर शायरी को पढ़ें, महसूस करें और इसे अपनी प्रेरणा बनाकर जीवन में सफलता की ओर बढ़ें। ये शायरियाँ आपको याद दिलाती हैं कि सच्ची अमीरी केवल धन में नहीं, बल्कि हौसले, मेहनत और धैर्य में भी होती है।