ज़िंदगी के हर दर्द को सहता जा, और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता जा.
अनजान राहों पर चल रहा था, ज़िंदगी से मुलाकात हो गई.
ज़िंदगी भी किताब सी होती है, सब कुछ कह देती है खामोश रह के भी.
ज़िन्दगी का मामला भी अजीब है, साहब ठोकर देकर संभालना सिखाया.
हम ही पत्थर के हो गये ये सोचके, कि ज़िंदगी तो फूल बनेगी नहीं.
अब ना ही वो पहले सी जिंदगी रही, दोस्तो ओर ना ही वो पहले जैसे शौक.
खुश रहने से ही जिंदगी साकार है, वरना यूं तो जिंदगी का हर पल बेकार है.
जिंदगी इतना भी मत सीखा, अब थोड़ा साथ भी दे दे.
जिंदगी में ऐसी भी कई रातें आती हैं, न नीद आती है न ख्वाब आते हैं.
आपको यह
Zindagi Shayari in Hindi
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