हाल तो पूछती नहीं दुनिया जिंदा लोगों का, चले आते हैं लोग जनाजे पर बारात की तरह.

जब भी उसकी याद आती है, सारी रात नींद नही आती है.

तेरे बाद हमारा हमदर्द कौन बनेगा, हमने तो सब छोड़ दिया तुझे पाने की जिद में.

जो भी हुआ उसे भुल जाते है, उसकी यादों को सपनों में सजा जाते है.

रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे, एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है.

मेरे आँसुओं के दाम तुम चुका नहीं पाओगे, मोहब्बत न ले सके तो दर्द क्या खरीदोगे.

सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के, कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती.

आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की, हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की.

इस तरह मेरी तरफ मेरा मसीहा देखे, दर्द दिल में ही रहे और दवा हो जाए.

याद में दर्द भरी शायरी

आपको यह याद में दर्द भरी शायरी कैसी लगी, इस प्रकार की और भी शायरिया पढने के लिए निचे दिए लिंक पर क्लिक करे.

Arrow