किसी को मनाने से पहले ये जान लेना,
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान.
रिश्ते दूर तक चलते अगर, नाराजगी की उम्र कम हो.
तेरी नाराज़गी, मेरी दीवानगी, चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है.
एक नाराज़गी सी है जहन में जरुर, पर मैं खफ़ा किसी से नहीं.
नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही.
ख़ुशी की तलाश में घर से थे निकले, चार गम लेकर वापिस लौटे हैं.
इससे बुरे और क्या दिन आएंगे, वो हमसे इतने नाराज़ पेश आएंगे.
कभी धुप कभी बरसात होती है, जब जब मेहबूबा नाराज़ होती है.
बांध कर रखा है इस रिश्ते ने हमें, रूहें तो हमारी एक वक़्त से जुदा हैं.
Narazgi Shayari
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Narazgi Shayari in Hindi
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