तेरी वफा भी हमें जैसे एक ख्वाब लगती है,
तेरे इश्क में मिली ये बर्बादी,
भी हमें लाजवाब लगती है.
तेरी नफरत से भी हमने प्यार किया था, मगर तुमने हमे दर्द और जख्म दिया था.
तेरी मोहब्बत से मुझे नफरत हो गई है, इसलिए शराब मेरी जीने की सहारा बन गई है.
वो नफरते पाले रहे हम प्यार निभाते रहे, लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी.
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से, अगर मै तेरे ही अंदाज मे तुझसे बात करुं.
इश्क़ या खुदा को दिल मे बसा लो दिल से नफरत हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी.
चाह कर भी मुँह फेर नही पा रहे हो, नफरत करते हो या इश्क निभा रहे हो.
वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी, अब तू खुदा भी बन जाए तो मै सज़दा न करूँ.
उनकी नफरत बता रही है, हमारी मोहब्बत गज़ब की थी.
Nafrat Shayari
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