वक्त कहाँ है किसी के पास, जब तक कोई मतलब न हो खास.
मतलबी दुनिया के लिए कोई, रिश्ता मायने नहीं रखता.
जैसी तुम हो वैसी ही दुनिया है, मतलबी तुम हो मतलबी दुनिया है.
जिनको कभी हमने चलना सिखाया था, आज वही हमारे पैर काट रहे हैं.
मतलबी लोगों की मीठी बात, सम्भाल कर रखे अपनी जज्बात.
जिसे हमने अपना खुदा माना वो ही, बड़ा मतलबी और खुदगर्ज निकला.
जैसी दुनिया वैसे हम, मतलबी दुनिया मतलबी हम.
सब मतलब की यारी है, यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है.
लोग खुद पर विश्वास खोने लगे हैं, अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे हैं.
मतलबी दुनिया शायरी
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Matlabi Duniya Shayari Hind
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