मंज़िल तो मिल ही जाएगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं.
आये हो निभाने को जब, किरदार ज़मीं पर, कुछ ऐसा कर चलो कि ज़माना मिसाल दे.