- राहत इंदौरी

तुम्हे अपना बनाना चाहता था, पर तब तक तुम किसी और को हो चुके थे.

- राहत इंदौरी शायरी

हर मासूम की मुस्कराहट के पीछे, बहुत ही दर्द भरी कहानी होती है.

- राहत इंदौरी शायरी

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​, ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​, अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे.

- राहत इंदौरी शायरी

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया, घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है.

- राहत इंदौरी शायरी

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता, यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी था.

- राहत इंदौरी शायरी

रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं, रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है.

- राहत इंदौरी शायरी

जागने की भी जगाने की भी आदत हो जाये, काश तुझे भी किसी शायर से मोहब्बत हो जाए.

- राहत इंदौरी शायरी

याद तो याद होती है वो चाहे अच्छी हो या बुरी, हमेशा रुलाती है.

- राहत इंदौरी शायरी

मुझे माफ़ कर देना ऐ खुदा, कुछ लोग मुझसे माफ़ नहीं होगे.

राहत इंदौरी शायरी

आपको कैसी लगी यह राहत इंदौरी की दर्द भरी शायरी, इस प्रकार की और भी शायरिया पढने के लिए निचे दिए लिंक पर क्लिक करे.

Arrow