अच्छा वक़्त देख सहारा लेते हैं लोग, कुछ वक़्त बिता के छोड़ जाने के लिए.
कुछ और वक्त बेशक लगा कर आना, लेकिन जरूर कुछ वक्त लेकर आना.
जनाब वक़्त वक़्त की बात होती है, कोई कह जाता है तो कोई सह जाता है.
वक्त की एक आदत बहुत अच्छी हैं, जैसा भी हो गुजर जाता हैं.
वो वक़्त भी बहुत खास होता है, जब सर पर माता पिता का हाथ होता है.
वक़्त की सितम कुछ ऐसी छाई, दूर गए वो और आँख मेरी भर आई.
डर नहीं लगता मुझे इस रात के अंधेरे से, ये तो वक़्त की पाबंद है, ढल ही जाएगी.
वो वक्त सी थी जो गुजर गई, और मैं यादों सा था जो ठहर गया.
वक्त और इंसान, कब बदल जाए पता ही नहीं चलता.
गुजरा हुऐ वक्त पर शायरी
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Guzra Waqt Shayari Hindi
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