99+ Manzil Shayari In Hindi | मंज़िल शायरी हिंदी
Manzil Shayari In Hindi : दोस्तों हर ब्यक्ति अपने जीबन को सफल बनाने के लिए अपनी तय की गयी मंज़िल की और निकलता है, और मंज़िल को पाने के लिए दिन रात मेहनत करता है, जिससे अपने को सफल ब्यक्ति बाना पाये और ख्वाहिशो को पूरा कर सके, कभी-कभी जीबन में हम मजिल के करीब हो हुए भी आने बाली कठनाइयो से हार मानकर बैठ जाते है, यदि आप मंज़िल शायरी हिंदी को पढ़ते है तो आपको अपनी मंज़िल को पाने का होसला और प्रेरणा मिलेगी।
इसलिए दोस्तों आज की पोस्ट में Manzil Shayari In Hindi लेकर आये है, जिसमे 2 Lines Manzil Shayari, Motivational Manzil Shayari, Manzil Shayari Image का बेहतरीन सग्रह पढने को मिलेगा, जिसे कॉपी करके आप अपने दोस्तों और सोशल मीडिया साथ शेयर कर सकते है।
Best Manzil Shayari
ज़िन्दगी ठहरती नहीं किसी मुश्किलात से,
ज़रा मंज़िल को बताओ आ रहा हूं मैं शान से.
मंजिल इंसान के हौसलें आजमाती है,
सपनों के पर्दे, आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत ना हारना,
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है.

सफ़र से इश्क करना सीखों,
मंजिल तो कुछ पल की मेहमान है.
डर मुझे भी लगा फ़ासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
ख़ुद-ब-ख़ुद मेरे नजदीक आती गई,
मेरी मंजिल मेरा हौंसला देख कर.
मुश्किलें जरूर है, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं,
मंजिल से जरा कह दो, अभी पहुँचा नहीं हूँ मैं.
कदम छोटे हो या बड़े,
मंज़िल को पाने के लिए,
चलते रहना जरूरी है.

मिलना किस काम का अगर दिल ना मिले,
चलना बेकार है जो चलके मंजिल ना मिले.
मंजिल इंसान के हौसलें आजमाती है,
सपनों के पर्दे, आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत ना हारना
ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है.
मंज़िल पा ली मैंने ठोकरे खाकर,
मरहम ना पा सका मंज़िल पाकर.
Manzil Shayari In Hindi
मंज़िल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है,
मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ है.
जो तूफानों से डर जाओगे,
तुम अपनी किश्ती को कैसे पार लगाओगे,
डर के आगे जीत है जिस दिन तुम यह समझ जाओगे
अपनी मंजिल तक खुद ही पहुँच जाओगे.

ना मंजिल, ना मकसद, ना रास्ते का पता है,
हमेशा दिल किसी के पीछे ही चला है.
सीढ़िया उन्हें मुबारक हो
जिन्हें सिर्फ़ छत तक जाना है,
मेरी मंजिल तो आसमान है
रास्ता मुझे ख़ुद बनाना है.

गम में डूबी मेरी हर आहें है,
मंजिल का पता नहीं और काँटों भरी राहें है.
बहुत गुरूर था, छत को छत होने पर,
एक मंजिल और बनी और वो छत फर्श हो गई.
सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर,
चलना भी जरूरी है मंजिल को पाने के लिए.
रास्तों की परवाह करूँगा,
तो मंजिल बुरा मान जायेगी,
फ़िक्र छोड़ दूँ रास्तों की,
तो मंजिल ख़ुद ही,
मेरे पास आती नजर आएगी.
2 Lines Manzil Shayari Hindi
अगर निहागें हो मंजिल पर और कदम हो राहों पर,
ऐसी कोई राह नहीं जो मंजिल तक न जाती हो.
ऐसे चुप है कि ये मंजिल भी कड़ी हो जैसे,
तेरा मिलना भी जुदाई की घड़ी हो जैसे.

कितना मुश्किल है बड़े हो कर बड़े रहना भी,
अपनी मंजिल पर पहुँचना भी खड़े रहना भी.
दिल बिन बताएं मुझे ले चला कहीं,
जहाँ तू मुस्कुराएँ मेरी मंजिल वहीं.

एक न एक दिन हासिल कर ही लूँगा,
‘ठोकरें’ जहर तो नहीं जो खाकर मर जाऊँगा.
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंजिल,
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा.
जिंदगी में मंज़िल तो मैंने पाया नहीं,
मगर राहों में जो लोग बड़े अच्छे मिले.

ख़ुद पुकारेगी जो मंजिल तो ठहर जाऊँगा,
वरना खुद्दार मुसाफ़िर हूँ गुजर जाऊँगा.
मंजिल तो मिल गई अब सफ़र कैसा,
जब ख़ुदा तेरे साथ है फिर डर कैसा.
मंज़िल पा ली मैंने ठोकरें खा कर,
लेकिन मरहम ना पा सका मंजिल पाकर.
हौसला मंजिल शायरी हिंदी
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है कि पैरों में कुछ थकान रहे.
कभी उनको मिलती नहीं कोई मंजिल,
बदलते है जो हर कदम पर इरादें.

रास्ते कहां ख़त्म होते हैं ज़िंदग़ी के सफ़र में,
मंज़िल तो वहां है जहां ख्वाहिशें थम जाएं.
मंजिल सामने थी मगर रास्ते कहीं खो गये,
हम तुम अपने घरों के वास्ते कहीं खो गये.
हल मुश्किल का पाने के लिए
दिमागी पेच लड़ाने पड़ते हैं,
बैठे-बैठे मंजिल नहीं मिलती
कुछ कदम बढ़ाने पड़ते हैं.

मन्ज़िले पाव पकड़ती है ठहरने के लिए,
शौक कहता है 2-4 कदम और सही.
अगर दिलकश हो रास्ता,
फिर तो फिकर ही नहीं है,
ना मिले मंजिल ना सही,
फिर भी जिन्दगी हंसीं है.

दिल के जज्बातों को खबर करते रहो,
जिंदगी मंजिल नहीं सफर है, चलते रहो.
कोई भी व्यक्ति बाहर की चुनौतियों से नही हारता है,
बल्कि वह अपने अंदर की कमजोरियों से हारता है.
राहों में मुसीबत आई,
पर मैंने हार नहीं मानी,
मंजिल पर पहुँच कर लिखूँगा
अपनी सफलता की कहानी.
Motivational Manzil Shayari Hindi
किसी की सलाह से रास्ते जरूर मिलते है,
पर मंजिल तो खुद की मेहनत से ही मिलती हैं.
एक रास्ता यह भी है मंजिलों को पाने का,
कि सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का.

वो मुझे हराने की दौड़ में लगे रहे,
और मैं खुद को जीतने की.
कब मिल जाए किसी को मंजिल ये मालूम नहीं,
इंसान के चेहरे पर उसका नसीब लिखा नहीं होता.
मंज़िल उन्ही को मिलती है,
जिनके सपनों में जान होती है,
पंख से कुछ नहीं होता,
हौसलों से उड़ान होती है.

मंज़िल मिल ही जाएगी भटकते- भटकते,
गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं.
जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा.
कामयाबी के लिए जरूरी है
सही रास्ता चुनना,
किसी भी रास्ते पे चलने से
मंजिल नहीं मिलती.

राह बड़ी सीधी है,
मोड़ तो सारे मन के है.
मंजिल मिले या ना मिले,
ये तो मुकद्दर की बात है,
हम कोशिश भी ना करे,
ये तो गलत बात हैं.
मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफ़र से इस कदर,
कि ना ख़ुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से.
हर पतंग जानती है.
कि अंत मे कचरे में जाना है,
लेकिन उससे पहले हमें,
आसमान छू कर दिखाना है.
सीढ़ी की आसानी तुम्हे मुबारक हो,
मैंने अपनी दम पर मंज़िल पाई है.
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