ज़िंदगी कुछ खास लम्हों की कहानी नहीं, शायरियों की किताब होती है, जो वक्त के साथ बीत तो जाती है, लेकिन दिल की गहराइयों में हमेशा जिंदा रहती है। Lamha Shayari उन पलों को अल्फ़ाज़ों में पिरोने की एक खूबसूरत कोशिश है, जहां हर एहसास, हर मुस्कान और हर आंसू किसी खास याद से जुड़ा होता है। Lamha Shayari In Hindi के ज़रिए हम उन फुर्सत के लम्हों, यादगार लम्हों और बीते हुए पलों की यादों को शायरी के ज़रिए आपके दिल तक पहुंचाते हैं, जो कभी खुशी तो कभी तन्हाई बनकर सामने आते हैं।
चाहे वो सुनहरे पल हों जो ज़िंदगी की किताब में चमकते हैं, या फिर खूबसूरत लम्हे जो आंखों में आंसू बनकर ठहर जाते हैं – हर लम्हा एक अनकही शायरी बन जाता है। लम्हों पर शायरी दिल के उन जज़्बातों को ज़ुबान देती है, जो वक्त के साथ कभी कहे नहीं जा सके। क्योंकि लम्हे कुछ पल के होते हैं, पर उनकी यादें उम्र भर साथ चलती हैं – और यही यादें हमें फिर से जीने पर मजबूर कर देती हैं। इस संग्रह में आपको बीते हुए पल, लम्हों की शायरी, और वो सब कुछ मिलेगा जो आपकी अपनी ज़िंदगी के अहसासों से मिलता-जुलता है।
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Lamha Shayari
वो लम्हे कुछ खास थे, जब तू पास था,
अब बस तन्हाई है और तेरी यादें साथ हैं।
हर लम्हा कुछ कहता है,
तेरी यादों में ही बहता है।
ये दिल तुझसे ही जुड़ा रहता है।
छोटे-छोटे लम्हों की ही तो कहानी है जिंदगी,
जो बीत जाए तो बस यादें रह जाती हैं।
वो लम्हा आज भी ताज़ा है,
जब तूने मुस्कुरा कर देखा था।
लम्हों की वो मुलाक़ातें अब ख्वाब सी लगती हैं,
तेरे बिना हर खुशी अधूरी सी लगती है।
हर लम्हा बस तुझसे जुड़ता चला गया,
मैं खुद से दूर और तुझमें कहीं खो गया।
कभी वक्त से चुराकर तुझसे मिलते थे,
अब हर वक्त तुझको याद करते हैं।
लम्हा-लम्हा यादें बनकर सीने से लगते हैं,
तेरे बिना दिन और रात अधूरे से लगते हैं।
फुर्सत के लम्हे शायरी
फुर्सत के लम्हों में तेरा ख्याल आता है,
जैसे वीराने में कोई गुलाब खिल जाता है।
वो लम्हे जब तुझसे बात होती थी,
आज भी फुर्सत में दिल को याद आती है।
जब भी मिला थोड़ा वक्त, तुझे ही याद किया,
फुर्सत के हर लम्हे में बस तेरा ही नाम लिया।
कितना सुकून था उन फुर्सत के पलों में,
जब तुझसे बेफिक्र होकर बातें किया करते थे।
वो शामें अब लौटती नहीं,
जब फुर्सत में बस तुझसे मुलाकात होती थी।
फुर्सत मिली तो तेरे ख्यालों में खो गए,
हर लम्हा तुझसे जुड़ता चला गया।
ना थी कोई जल्दी, ना था कोई काम,
फुर्सत में तेरा जिक्र ही सबसे हसीन था।
आजकल वक्त तो बहुत है,
पर वो फुर्सत वाली बातें अब कहां रही।
बीते हुए लम्हों पर शायरी
वो बीते लम्हे अब सिर्फ यादों में हैं,
जिन्हें सोचकर आज भी दिल मुस्कुरा देता है।
कुछ लम्हे ऐसे थे जो लौट कर नहीं आते,
पर उनकी कसक हर सांस में रहती है।
वो शामें, वो बातें, अब किस्सों में हैं,
बीते लम्हों की खुशबू आज भी हवाओं में है।
बीते लम्हों की चुप सी पुकार है,
हर मुस्कान में कहीं न कहीं उनका असर है।
वक्त गुजर गया पर लम्हे रुके हैं,
यादों की गलियों में अब भी जमे हुए हैं।
कभी रोते हुए, कभी हँसते हुए,
बीते लम्हे हर हाल में सच्चे लगते हैं।
हमने वो पल जिए थे तुझ संग,
जो आज भी तन्हा लम्हों में साथ चलते हैं।
वो बीते लम्हे जो अधूरे रह गए,
आज भी आंखों के रास्ते दिल तक बहते हैं।
यादगार लम्हे शायरी
कुछ लम्हे ज़िंदगी भर साथ चलते हैं,
वो यादगार बनकर दिल में बसते हैं।
जो लम्हे तेरे साथ गुज़ारे थे,
वो हर मोड़ पर याद आ जाते हैं।
यादगार लम्हों की तासीर कुछ और होती है,
वो खामोश रहकर भी बहुत कुछ कह जाते हैं।
हर लम्हा जो तुझसे जुड़ा था,
आज भी मेरी धड़कनों में बसा है।
तेरे साथ बिताए वो कुछ पल,
ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत कहानी बन गए।
ना जाने क्यों कुछ लम्हे,
आंखों से उतरकर रूह में उतर जाते हैं।
वो मुस्कराहट, वो बातें,
आज भी यादगार लम्हों की तरह ज़हन में हैं।
कुछ लम्हे सिर्फ वक्त नहीं,
ज़िंदगी की सबसे कीमती यादें बन जाते हैं।
गुज़रते लम्हे शायरी
गुज़रते लम्हों को बस महसूस किया,
वक़्त ने हर एहसास चुपचाप दिया।
जो लम्हे आज हैं, कल कहानी बन जाएंगे,
यही सोचकर हर पल को जी लिया हमने।
गुज़रते लम्हों का सिलसिला भी अजीब होता है,
कुछ दिल में बस जाते हैं, कुछ यादों में खो जाते हैं।
हर लम्हा जो गुज़रा है तुझसे जुड़कर,
वो वक्त नहीं, जिंदा जज़्बात था।
गुज़रते लम्हे कभी लौटकर नहीं आते,
पर उनकी यादें हमेशा साथ निभाती हैं।
वक़्त की रफ़्तार ने सब कुछ बदल दिया,
पर कुछ लम्हों को दिल ने आज भी संभाल रखा है।
गुज़रते लम्हे सिखा जाते हैं,
कि वक़्त कभी किसी के लिए नहीं रुकता।
कुछ लम्हे सिर्फ गुज़रते नहीं,
वो दिल में अमिट निशान छोड़ जाते हैं।
लम्हों पर शायरी दो लाइन
हर लम्हा कुछ कहता है,
बस सुनने वाला चाहिए।
वो लम्हे बहुत खास थे,
जो तेरे साथ गुज़रे थे।
लम्हे गुजर जाते हैं,
पर यादें रह जाती हैं।
हर लम्हा कुछ सिखा गया,
कभी हँसाया, कभी रुला गया।
गुज़रे लम्हे लौटकर नहीं आते,
बस यादों में बस जाते हैं।
तेरे बिना हर लम्हा अधूरा है,
तेरे साथ हर लम्हा पूरा है।
लम्हों ने तन्हा कर दिया,
वरना हम भी कभी किसी के थे।
वक़्त के साथ लम्हे भी बदलते हैं,
पर कुछ लम्हे दिल में बस जाते हैं।
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निष्कर्ष:
लम्हों पर शायरी एक ऐसा आईना है जिसमें हमारी जिंदगी की सबसे खूबसूरत और दर्दभरी यादें झलकती हैं। हर बीता हुआ लम्हा कुछ कहता है — कभी मुस्कुराहटें छोड़ जाता है तो कभी गहरी तन्हाइयों की परछाइयाँ। इन शायरियों के ज़रिए हम उन अहसासों को शब्दों में बुनते हैं, जिन्हें हम महसूस तो करते हैं, मगर कह नहीं पाते।
लम्हों की अहमियत, गुज़रे पलों की कसक, फुर्सत के एहसास, और यादगार लम्हों की मिठास को जब अल्फ़ाज़ मिलते हैं, तो वो शायरी बन जाते हैं — ऐसी शायरी जो हर दिल को छू जाती है। चाहे वो बीते हुए लम्हों की तड़प हो या फुर्सत के सुकून भरे पल, हर पंक्ति में एक कहानी होती है — जो सिर्फ़ आपकी होती है।