Best Gulzar Shayari In Hindi | 200+ गुलज़ार साहब शायरी
Gulzar Shayari In Hindi: अगर आप शायरी के शौकीन हैं और लफ़्ज़ों में दिल की गहराई महसूस करना चाहते हैं, तो गुलज़ार साहब की शायरी आपके दिल को छू जाएगी। गुलजार साहब न सिर्फ एक मशहूर शायर हैं, बल्कि हिंदी फिल्मों के जाने-माने लेखक और गीतकार भी हैं। उनकी शायरी में मोहब्बत, तन्हाई, ज़िंदगी और रिश्तों की एक अलग ही मिठास होती है, जो सीधे दिल से जुड़ जाती है। चाहे आप Gulzar Ki Shayari in Hindi ढूंढ रहे हों, गुलजार की मोहब्बत भरी शायरी पढ़ना चाहते हों, या फिर गहराई से भरी तन्हा लाइनों की तलाश में हों – यहां आपको हर भावना के लिए एक खास शायरी मिलेगी।
इस लेख में हमने गुलज़ार साहब की चुनिंदा और मशहूर शायरी का एक ऐसा खूबसूरत कलेक्शन तैयार किया है जिसे आप WhatsApp, Facebook और Instagram जैसे सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। इन शायरियों का इस्तेमाल आप अपने स्टेटस, कैप्शन या किसी खास मौके पर अपने दिल की बात कहने के लिए भी कर सकते हैं। गुलजार की शायरी हर उस इंसान के लिए खास होती है, जो जज़्बातों को महसूस करता है और अल्फ़ाज़ों से उन्हें बयां करना चाहता है।
अगर आप Gulzar Shayari on Life, गुलजार साहब के रोमांटिक शेर, या फिर Gulzar Quotes in Hindi की तलाश कर रहे हैं, तो यह कलेक्शन आपके दिल को सुकून देने वाला साबित होगा। हर लाइन एक एहसास है, हर शब्द एक कहानी – यही गुलज़ार की शायरी की पहचान है।
Table of Contents
Best Gulzar Shayari
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं.
दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए,
फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए.
टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ,
में फिर से निखर जाना चाहता हूँ,
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ.
पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है,
भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है.
जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कौन आस पास होता है,
कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है.
एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली,
और लोग कहते हैं की हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली.
Top 10 Gulzar Shayari In Hindi
जिस दिन उस पर,
दिल आया था,
उस दिन मौत आ जाती,
तो ज़्यादा अच्छा था.
कितने अजीब होते है,
ये मोहब्बत के रिवाज़ भी,
लोग आप से तुम,
तुम से जान और जान से,
अनजान बन जा.
ख्वाहिश तो न थी किसी से,
दिल लगाने की,
पर किस्मत में दर्द लिखा हो,
तो मोहब्बत कैसे न होती.
बस यही “दौड़” है,
इस दौर के इंसानो की,
तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने.
एक वक़्त के बाद,
हर कोई गैर हो जाता है,
उम्र भर किसी को अपना,
समझना एक वहम है.
ना मांग कुछ ज़माने से,
ये देकर फिर सुनाते है,
किया एहसान जो एक बार,
वो लाख बार जताते है.
ज़रा सी बात पर शौक करना,
मेरी आदत नहीं,
गहरी जड़ का बरगद हूँ,
दीवार पर ऊगा पीपल नहीं.
गुलजार की शायरी दर्द भरी
वो शख़्स जो कभी,
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए,
और मेरे दिन भी गुजर गए.
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है.
सालों बाद मिले वो,
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना.
Gulzar Shayari Love
दर्द की भी अपनी एक अदा है,
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है.
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं.
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं,
अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं.
हँसना हँसाना आता हैं मुझे,
मुझसे गम की बात नहीं होती,
मेरी बातो में मज़ाक होता हैं ,
मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती.
तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में
तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम,
माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी
तुझे ही जी नहीं पा रहे हम.
तन्हाई की दीवारों पर
घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे,
कोई किसी को भूल रहा हैं.
Gulzar Shayari Zindagi
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है,
तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है.
नहीं बदल सकते हैं हम,
खुद को औरो के हिसाब से,
एक लिबास हमें भी दिया है,
खुदा ने अपने हिसाब.
समेट लो इन नाजुक पलो को
ना जाने ये लम्हे हो ना हो,
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल
उन पलो में हम हो ना हो.
दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा,
पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा.
ना राज़ है “ज़िन्दगी”,
ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”,
बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी.
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते,
वो शहर भी तुम्हारा था, वो अदालत भी तुम्हारी थी.
Gulzar Shayari Dosti
थोडा है थोड़े की ज़रूरत है,
ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है.
कुछ सुनसान पड़ी है ज़िंदगी,
कुछ वीरान हो गए है हम,
जो हमें ठीक से जान भी नहीं पाया,
खामखां उसके लिए परेशान हो गए है हम.
जो जाहिर करना पड़े,
वो दर्द कैसा,
और जो दर्द न समझ सके,
वो हमदर्द कैसा.
मोहल्ले की मोहब्बत का भी
अजीब फसाना है,
चार घर की दुरी है
और बिच में सारा जमाना है.
तजुर्बा बता रहा हूँ ऐ दोस्त दर्द, गम, डर जो भी है
बस तेरे अन्दर है,
खुद के बनाए पिंजरे से निकल कर तो देख,
तू भी एक सिकंदर है.
घर गुलजार सुने शहर,
बस्ती-बस्ती में कैद हर हस्ती हो गई,
आज फिर जिंदगी महंगी और
दौलत सस्ती हो गई.
तुमसे मिली जो ज़िन्दगी हमने कभी बोइ नहीं,
तेरे सिवा कोई ना था, तेरे सिवा कोई नहीं.
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे।
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है.
न हक़ दो इतना की तकलीफ हो तुम्हे,
न वक्त दो इतना की गुरुर हो हमें.
सिर्फ शब्दों से न करना
किसी के वजूद की पहचान,
हर कोई उतना कह नहीं पाता
जितना समझता और महसूस करता है.
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है।
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं.
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं.
यूँ उम्र कटी दो अंदाज में
एक आस में, एक कास में.
लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की,
हमारी भी तमन्ना है.
मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की.
दुपट्टा क्या रख लिया सर पे,
वो दुल्हन नजर आने लगी,
उसकी तो अदा हो गयी,
जान हमारी जाने लगी.
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी है,
उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है,
मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी है,
जो कभी सांस रुक जाये तो मौत मेरी है.
याद आएगी हर रोज़ मगर
तुझे आवाज़ ना दूँगा,
लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल
मगर तेरा नाम ना लूँगा.
सोचा नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होगे,
रोना भी जरुरी होगा और आसू भी छुपाने होगे.
इतने बुरे नहीं थे हम
जितने इलज़ाम लगाये लोगो ने,
कुछ किस्मत ख़राब थी
कुछ आग लगाई लोगो ने.
मुझे छोड़ कर वो खुश है तो सिकायत केसी,
अब्ब मैं उससे खुश ना देखु तो मोहबात केसी.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है.
Heart Touching Gulzar Shayari
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता,
मै साथ दुनिया के चलू कैसे.
मै सबका दिल रखता हूँ और,
सुनो मै भी एक दिल रखता हूँ.
हमसे रिश्ता बनाये रखना,
हम वहाँ काम आते है,
जहाँ सब साथ छोड़ जाते है.
दूरियां जब बढ़ी तो,
गलतफहमियां भी बढ़ गई,
फिर उसने वो भी सुना,
जो मैंने कहा ही नहीं.
मुम्किन है मेरे किरदार में बहुत सी खामिया होंगी,
पर शुकर है किसी के जज़्बात से खेलने का हुनर नहीं आया.
गैर क्यों ले जा रहे है अपने कंधे पर,
अरे हां मेरे अपने तो कब्र खोद रहे है.
मशवरा तो खूब देते हो की खुश रहा करो,
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो.
लोग कहते है भूल जाओ उसे,
कितना आसान है न मशवरा देना.
Gulzar Shayari 2 Lines
छू न पाया मेरे अंदर की उदासी को कोई,
मेरे चेहरे ने इतनी अच्छी अदाकारी की है.
उसने ये सोचकर मुझे अलविदा कह दिया,
की गरीब है मोहब्बत के सिवा क्या देगा.
कभी कभी उनसे भी दूर होना पड़ता है,
जिनके साथ हम ज़िंदगी गुज़ारना चाहते थे.
कौन देता है उम्र भर का साथ,
लोग जनाज़े में भी कंधा बदलते है.
तुम बदले तो हम भी कहाँ पुराने से रहे,
तुम आने से रहे तो हम भी बुलाने से रहे.
बस यही “दौड़” है इस दौर के इंसानो की,
तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने.
चाहते है वो हर रोज़ एक नया चाहने वाला,
ए खुदा मुझे हर रोज़ एक नई सूरत दे दे.
दर्द को छोड़ कर हार में तू राज़ी है,
भूल रहा तेरे हाथो में अभी बाज़ी है.
Emotional Gulzar Shayari
एक पुराना ख़त खोला जब अनजाने में,
खुशु जैसे लोग मिले अफसाने में.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
आज दिल की ज़ेरोक्स निकलवाई,
सिर्फ बचपन वाली तस्वीरें ही रंगीन नज़र आई.
खुशबु जैसे लोग मिले अफसाने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में.
जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कोन दिल के पास होता है.
कोई अटका हुआ है पल शायद,
वक़्त में पड़ गया है बल शायद.
Gulzar Shayari On Mohabbat
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे,
गया तो मेरी जान साथ ले गया.
इस दिल में बस कर देखो तो,
ये शहर बड़ा पुराना है,
हर साँस में कहानी है,
हर साँस में अफ़साना है.
कोई वादा नही किया लेकिन,
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है,
बेवजह जब क़रार मिल जाए,
दिल बड़ा बेकरार रहता है.
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं,
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ.
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.
Sad Gulzar Shayari
जो हैरान हैं मेरे सब्र पर,
उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर,
नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..
बस इतना सा असर होगा,
हमारी यादों का,
की कभी कभी तुम बिना,
बात के मुस्कुराओगे..
मुझे मालूम था कि वो,
मेरा हो नही सकता,
मगर देखो मुझे फिर भी,
मोहब्बत हो गई उससे..
अपनी पीठ से निकले,
खंजरों को जब गिना मैंने,
ठीक उतने ही निकले,
जितनो को गले लगाया था .
मेरी आंखों ने पकड़ा है,
उन्हें कई बार रंगे हाथ,
वो इश्क करना तो चाहते हैं,
मगर घबराते बहुत हैं .
Famous Gulzar Shayari
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,
खुद से मुलाकात हो गई,
कुछ भी तो कहा नही मगर,
ज़िंदगी से बात हो गई.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है.
ख़ामोश रहने में दम घुटता है,
और बोलने से ज़बान छिलती है,
डर लगता है नंगे पांव मुझे,
कोई कब्र पांव तले हिलती है.
टूटी फूटी शायरी में,
लिख दिया है डायरी में,
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम,
लास्ट फरमाइश हो तुम.
क्यूं बार बार लगता है मुझे,
कोई दूर छुपके तकता है मुझे,
कोई आस पास आया तो नही,
मेरे साथ मेरा साया तो नही.
पल्लू गिर गया,
पर वो घबराई नहीं,
उसे यकीन था मेरी,
नजर झुकी होगी..
कहने को तो बस,
बातें हो जाती हैं,
पर दिल खोलकर बात किए हुए,
जमाना हो गया..
अगर मोहब्बत उससे ना मिले
जिसे आप चाहते हो,
तो मोहब्बत उसको जरूर देना
जो आपका चाहते हैं…
सच कहा था,
एक फकीर ने मुझसे,
तुझे मोहब्बत तो मिलेगी,
पर तड़पाने वाली..
गलती तेरी थी या.
मेरी क्या फर्क पड़ता है,
रिश्ता तो हमारा था ना,
निष्कर्ष:
गुलज़ार साहब की शायरी सिर्फ लफ्ज़ों का खेल नहीं, बल्कि दिल से निकली ऐसी सच्चाई है जो ज़िंदगी के हर एहसास को बयां करती है। अगर आप गुलजार की शायरी के जादू में डूबना चाहते हैं, तो ये कलेक्शन आपको भावनाओं की गहराई से जोड़ देगा। चाहे बात मोहब्बत की हो, तन्हाई की, या ज़िंदगी के किसी टूटे पल की – गुलज़ार साहब की हर शायरी एक नई सोच दे जाती है।
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FAQs –
प्रश्न 1: गुलज़ार साहब कौन हैं?
उत्तर: गुलज़ार साहब एक प्रसिद्ध कवि, गीतकार और फिल्म निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी शायरी और लेखन से लाखों दिलों को छुआ है।
प्रश्न 2: गुलज़ार की शायरी में खास क्या है?
उत्तर: गुलज़ार की शायरी भावनाओं की गहराई को सरल लेकिन प्रभावशाली शब्दों में बयां करती है, जो हर दिल को छू जाती है।
प्रश्न 3: क्या गुलज़ार शायरी सोशल मीडिया पर शेयर की जा सकती है?
उत्तर: हां, आप गुलज़ार की शायरी को फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से शेयर कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या गुलज़ार की शायरी लव और लाइफ दोनों विषयों को कवर करती है?
उत्तर: जी हां, उनकी शायरी में प्यार, जीवन, तन्हाई और रिश्तों की हर भावनात्मक परत नजर आती है।
प्रश्न 5: क्या इस वेबसाइट पर गुलज़ार साहब की नई शायरियां भी मिलती हैं?
उत्तर: जी हां, यहां गुलज़ार साहब की नई और लोकप्रिय शायरियों को लगातार अपडेट किया जाता है।
गुलजार की शायरी से बहुत लगाव था, इन्हें पढने के बाद और अच्छी लगने लगी है | हर संदर्भ के लिए इनके पास शायरी है या लिखा है | अपने जीवन से संबंधित कुछ किस्से, घटनाओं का इनसे हम तुलना कर सकते हैं |
Mane aapka yaha post web stories par dekha or Saabi stories read ki bhut acha likha hai
Tbh aapke yha jitni bhi shayeriya hai sb ekdum awesome hai….🌸💗💘