Best Gulzar Shayari In Hindi | 200+ गुलज़ार साहब शायरी
Gulzar Shayari in Hindi : हेल्लो दोस्तों आज हम आपके लिए गुलज़ार साहब की शायरी लेकर आये है. Gulzar sahab एक महान लेखक हैं. उनके द्वारा लिखी लोकप्रिय शायरिया आपको बहुत पसंद आएँगी। आप Gulzar Ki Shayari, gulzar shayaris, Gulzar sahab ki shayari, Gulzar Sahab Shayari, को FACEBOOK INSTGRAM WHATS APP पर शेयर कर सकते है.
Table of Contents
Best Gulzar Shayari
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं.
दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए,
फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए.
टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ,
में फिर से निखर जाना चाहता हूँ,
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ.
पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है,
भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है.
जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कौन आस पास होता है,
कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है.
एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली,
और लोग कहते हैं की हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली.
Gulzar Shayari In Hindi
जिस दिन उस पर,
दिल आया था,
उस दिन मौत आ जाती,
तो ज़्यादा अच्छा था.
कितने अजीब होते है,
ये मोहब्बत के रिवाज़ भी,
लोग आप से तुम,
तुम से जान और जान से,
अनजान बन जा.
ख्वाहिश तो न थी किसी से,
दिल लगाने की,
पर किस्मत में दर्द लिखा हो,
तो मोहब्बत कैसे न होती.
बस यही “दौड़” है,
इस दौर के इंसानो की,
तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने.
एक वक़्त के बाद,
हर कोई गैर हो जाता है,
उम्र भर किसी को अपना,
समझना एक वहम है.
ना मांग कुछ ज़माने से,
ये देकर फिर सुनाते है,
किया एहसान जो एक बार,
वो लाख बार जताते है.
ज़रा सी बात पर शौक करना,
मेरी आदत नहीं,
गहरी जड़ का बरगद हूँ,
दीवार पर ऊगा पीपल नहीं.
गुलजार की शायरी दर्द भरी
वो शख़्स जो कभी,
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए,
और मेरे दिन भी गुजर गए.
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है.
सालों बाद मिले वो,
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना.
Gulzar Shayari Love in Hindi
दर्द की भी अपनी एक अदा है,
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है.
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं.
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं,
अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं.
हँसना हँसाना आता हैं मुझे,
मुझसे गम की बात नहीं होती,
मेरी बातो में मज़ाक होता हैं ,
मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती.
तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में
तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम,
माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी
तुझे ही जी नहीं पा रहे हम.
तन्हाई की दीवारों पर
घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे,
कोई किसी को भूल रहा हैं.
Gulzar Shayari zindagi
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है,
तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है.
नहीं बदल सकते हैं हम,
खुद को औरो के हिसाब से,
एक लिबास हमें भी दिया है,
खुदा ने अपने हिसाब.
समेट लो इन नाजुक पलो को
ना जाने ये लम्हे हो ना हो,
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल
उन पलो में हम हो ना हो.
दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा,
पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा.
ना राज़ है “ज़िन्दगी”,
ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”,
बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी.
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते,
वो शहर भी तुम्हारा था, वो अदालत भी तुम्हारी थी.
Gulzar Shayari dosti
थोडा है थोड़े की ज़रूरत है,
ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है.
कुछ सुनसान पड़ी है ज़िंदगी,
कुछ वीरान हो गए है हम,
जो हमें ठीक से जान भी नहीं पाया,
खामखां उसके लिए परेशान हो गए है हम.
जो जाहिर करना पड़े,
वो दर्द कैसा,
और जो दर्द न समझ सके,
वो हमदर्द कैसा.
मोहल्ले की मोहब्बत का भी
अजीब फसाना है,
चार घर की दुरी है
और बिच में सारा जमाना है.
तजुर्बा बता रहा हूँ ऐ दोस्त दर्द, गम, डर जो भी है
बस तेरे अन्दर है,
खुद के बनाए पिंजरे से निकल कर तो देख,
तू भी एक सिकंदर है.
घर गुलजार सुने शहर,
बस्ती-बस्ती में कैद हर हस्ती हो गई,
आज फिर जिंदगी महंगी और
दौलत सस्ती हो गई.
तुमसे मिली जो ज़िन्दगी हमने कभी बोइ नहीं,
तेरे सिवा कोई ना था, तेरे सिवा कोई नहीं.
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे।
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है.
न हक़ दो इतना की तकलीफ हो तुम्हे,
न वक्त दो इतना की गुरुर हो हमें.
सिर्फ शब्दों से न करना
किसी के वजूद की पहचान,
हर कोई उतना कह नहीं पाता
जितना समझता और महसूस करता है.
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है।
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं.
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं.
यूँ उम्र कटी दो अंदाज में
एक आस में, एक कास में.
लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की,
हमारी भी तमन्ना है.
मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की.
दुपट्टा क्या रख लिया सर पे,
वो दुल्हन नजर आने लगी,
उसकी तो अदा हो गयी,
जान हमारी जाने लगी.
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी है,
उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है,
मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी है,
जो कभी सांस रुक जाये तो मौत मेरी है.
याद आएगी हर रोज़ मगर
तुझे आवाज़ ना दूँगा,
लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल
मगर तेरा नाम ना लूँगा.
सोचा नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होगे,
रोना भी जरुरी होगा और आसू भी छुपाने होगे.
इतने बुरे नहीं थे हम
जितने इलज़ाम लगाये लोगो ने,
कुछ किस्मत ख़राब थी
कुछ आग लगाई लोगो ने.
मुझे छोड़ कर वो खुश है तो सिकायत केसी,
अब्ब मैं उससे खुश ना देखु तो मोहबात केसी.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है.
Gulzar Shayari rekhta
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं.
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ऐतबार किया,
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया,
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हम ने एक बार किया.
ग़म मौत का नहीं है,
ग़म ये के आखिरी वक़्त भी,
तू मेरे घर नहीं है.
एक पुराना ख़त खोला जब अनजाने में,
खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में.
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा.
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो.
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं.
बेहिसाब हसरते ना पालिए,
जो मिला हैं उसे सम्भालिए.
गुस्सा होकर भी फ़िक्र कराती है,
माँ मुझे मोहब्बत इस कदर करती है.
Heart Touching Gulzar Shayari
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता,
मै साथ दुनिया के चलू कैसे.
मै सबका दिल रखता हूँ और,
सुनो मै भी एक दिल रखता हूँ.
हमसे रिश्ता बनाये रखना,
हम वहाँ काम आते है,
जहाँ सब साथ छोड़ जाते है.
दूरियां जब बढ़ी तो,
गलतफहमियां भी बढ़ गई,
फिर उसने वो भी सुना,
जो मैंने कहा ही नहीं.
मुम्किन है मेरे किरदार में बहुत सी खामिया होंगी,
पर शुकर है किसी के जज़्बात से खेलने का हुनर नहीं आया.
गैर क्यों ले जा रहे है अपने कंधे पर,
अरे हां मेरे अपने तो कब्र खोद रहे है.
मशवरा तो खूब देते हो की खुश रहा करो,
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो.
लोग कहते है भूल जाओ उसे,
कितना आसान है न मशवरा देना.
2 Lines Gulzar Shayari
छू न पाया मेरे अंदर की उदासी को कोई,
मेरे चेहरे ने इतनी अच्छी अदाकारी की है.
उसने ये सोचकर मुझे अलविदा कह दिया,
की गरीब है मोहब्बत के सिवा क्या देगा.
कभी कभी उनसे भी दूर होना पड़ता है,
जिनके साथ हम ज़िंदगी गुज़ारना चाहते थे.
कौन देता है उम्र भर का साथ,
लोग जनाज़े में भी कंधा बदलते है.
तुम बदले तो हम भी कहाँ पुराने से रहे,
तुम आने से रहे तो हम भी बुलाने से रहे.
बस यही “दौड़” है इस दौर के इंसानो की,
तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने.
चाहते है वो हर रोज़ एक नया चाहने वाला,
ए खुदा मुझे हर रोज़ एक नई सूरत दे दे.
दर्द को छोड़ कर हार में तू राज़ी है,
भूल रहा तेरे हाथो में अभी बाज़ी है.
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Emotional Gulzar Shayari
एक पुराना ख़त खोला जब अनजाने में,
खुशु जैसे लोग मिले अफसाने में.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
आज दिल की ज़ेरोक्स निकलवाई,
सिर्फ बचपन वाली तस्वीरें ही रंगीन नज़र आई.
खुशबु जैसे लोग मिले अफसाने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में.
जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कोन दिल के पास होता है.
कोई अटका हुआ है पल शायद,
वक़्त में पड़ गया है बल शायद.
Gulzar Shayari on Mohabbat
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे,
गया तो मेरी जान साथ ले गया.
इस दिल में बस कर देखो तो,
ये शहर बड़ा पुराना है,
हर साँस में कहानी है,
हर साँस में अफ़साना है.
कोई वादा नही किया लेकिन,
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है,
बेवजह जब क़रार मिल जाए,
दिल बड़ा बेकरार रहता है.
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं,
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ.
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.
Gulzar Shayari Sad
जो हैरान हैं मेरे सब्र पर,
उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर,
नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..
बस इतना सा असर होगा,
हमारी यादों का,
की कभी कभी तुम बिना,
बात के मुस्कुराओगे..
मुझे मालूम था कि वो,
मेरा हो नही सकता,
मगर देखो मुझे फिर भी,
मोहब्बत हो गई उससे..
अपनी पीठ से निकले,
खंजरों को जब गिना मैंने,
ठीक उतने ही निकले,
जितनो को गले लगाया था .
मेरी आंखों ने पकड़ा है,
उन्हें कई बार रंगे हाथ,
वो इश्क करना तो चाहते हैं,
मगर घबराते बहुत हैं .
गुलज़ार शायरी हिंदी
हम झूठों के बीच में सच बोल बैठे,
वो नमक का शहर था
और हम जख्म खोल बैठे…
सच बड़ी काबिलियत से,
छुपाने लगे हैं हम,
हाल पूछने पर बढ़िया,
बताने लगे हैं हम..
जाने वाला कमियां देखता है,
निभाने वाला काबिलियत..
इसलिए पसंद है किताब मुझे,
वो टूटकर बिखर जाना पसंद करेगी,
मगर अपने लफ्ज़ बदलना नही..
रोना उनके लिए,
जो तुम पर निसार हो,
उसके लिए क्या रोना,
जिनके आशिक़ हजार हों..
Gulzar Famous Shayari in Hindi
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,
खुद से मुलाकात हो गई,
कुछ भी तो कहा नही मगर,
ज़िंदगी से बात हो गई.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है.
ख़ामोश रहने में दम घुटता है,
और बोलने से ज़बान छिलती है,
डर लगता है नंगे पांव मुझे,
कोई कब्र पांव तले हिलती है.
टूटी फूटी शायरी में,
लिख दिया है डायरी में,
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम,
लास्ट फरमाइश हो तुम.
क्यूं बार बार लगता है मुझे,
कोई दूर छुपके तकता है मुझे,
कोई आस पास आया तो नही,
मेरे साथ मेरा साया तो नही.
गुलज़ार साहब शायरी हिंदी में
पल्लू गिर गया,
पर वो घबराई नहीं,
उसे यकीन था मेरी,
नजर झुकी होगी..
Pallu gir gaya,
Par wo ghabrai nahi,
Use yakeen tha meri,
Nazar Jhuki hogi..
कहने को तो बस,
बातें हो जाती हैं,
पर दिल खोलकर बात किए हुए,
जमाना हो गया..
Kahne ko to bas,
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Par dil kholkar baat kiye huye,
Zamana ho gya..
अगर मोहब्बत उससे ना मिले
जिसे आप चाहते हो,
तो मोहब्बत उसको जरूर देना
जो आपका चाहते हैं…
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Jise aap chahate ho,
To Mohabbt usko jarur dena,
Jo aapko chahate hain..
सच कहा था,
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Sach kaha tha,
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Tujhe mohabbat to milegi,
Par tadpane wali..
गलती तेरी थी या.
मेरी क्या फर्क पड़ता है,
रिश्ता तो हमारा था ना,
Galti teri thi ya,
Meri kya fark padta hai,
Rishta to hamara tha na..
Final Words On Gulzar Shayari
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गुलजार की शायरी से बहुत लगाव था, इन्हें पढने के बाद और अच्छी लगने लगी है | हर संदर्भ के लिए इनके पास शायरी है या लिखा है | अपने जीवन से संबंधित कुछ किस्से, घटनाओं का इनसे हम तुलना कर सकते हैं |
Mane aapka yaha post web stories par dekha or Saabi stories read ki bhut acha likha hai
Tbh aapke yha jitni bhi shayeriya hai sb ekdum awesome hai….🌸💗💘